रींगस। विश्व आदिवासी दिवस पर रींगस तहसील के सभी आदिवासी समुदाय के लोगों ने आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस का थीम “स्वैच्छिक अलगाव और प्रारंभिक संपर्क में स्वदेशी लोगों के अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित थी। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला संरक्षक शिवलाल झिरवाल व हनुमान दादिया रामपुरा ने बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण करके किया। तहसील अध्यक्ष विनोद बुनस कोटड़ी धायलान ने अपने उद्बोधन में कहा कि आदिवासी समुदाय प्रकृति को पूजते हैं व मानते हैं कि प्रकृति में रहने वाला हर जीव महत्वपूर्ण है। वे प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके जीवन जीते हैं। वे पेड़-पौधों, जानवरों व नदियों का सम्मान करते हैं। राजेश रींगस ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के आदिवासी समुदायों के योगदान और उनकी संस्कृतियों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। आदिवासी जो प्रकृति के करीब रहते हैं वे हमारी पृथ्वी के सबसे पुराने मूलवासी हैं। वे सदियों से अपनी अनूठी जीवन शैली, परंपराओं और ज्ञान के साथ मानवता को समृद्ध करते आए हैं। तहसील महामंत्री व्याख्याता अनिल कुमार छापोला ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व आदिवासी दिवस हमें आदिवासी समुदायों के योगदान को याद दिलाता है व हमें उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक बनाता है। इस दिन हम आदिवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठा सकते हैं। उनके संरक्षण के लिए प्रयास कर सकते हैं। तहसील उपाध्यक्ष विष्णु तपीपल्या ने सभी का आभार प्रकट किया। सभी लोगों ने बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्पांजलि दी। इस दौरान बृजमोहन मीणा, मुकेश मीणा, झाबर मीणा, राजेश मीणा, पप्पू मीणा, सुभाष मीणा, रविंद्र मीणा, रोहिताश मीणा सहित मीणा सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
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