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किसानों के लिए खुशखबर -इस योजना में मिलेगा 1.35 लाख तक अनुदान

बारिश के पानी को सहेज कर खेती में कर सकेंगे उपयोग

सीकर 5 जुलाई। बारिश के पानी को सहेज कर खेती में उपयोग करने वाले किसानों को राज्य सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान अधिकतम 1.35 लाख रुपए तक का होगा। संयुक्त निदेशक कृषि रामनिवास पालिवाल ने बताया कि प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर के कारण खेती किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है। प्रदेश में सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए केन्द्र व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार की ओर से अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। बारिश के पानी को संरक्षित करके उसके कुशलतम उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से ‘‘पर ड्रोप मोर क्रोप‘‘ और अदर इन्टरवेशन योजना के तहत किसानों से फार्म पौण्ड का निर्माण करवाया जा रहा है।

1.35 लाख रुपए तक मिलेगा अनुदान
संयुक्त निदेशक कृषि रामनिवास पालिवाल ने बताया कि योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सीमान्त किसानों को 1200 घन मीटर पर इकाई लागत का 70 फीसदी या अधिकतम 73500 रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर एवं इकाई लागत का 90 फीसदी या 1 लाख 35 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर और अन्य श्रेणी के कृृषकों को लागत का 60 फीसदी या अधिकतम 63 हजार रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा इकाई लागत का 80 फीसदी या 1 लाख 20 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो अनुदान दिया जाएगा। सरकार की ओर से यह अनुदान न्यूनतम 400 घन मीटर क्षमता की खेत तलाई (फार्म पौंड) बनने पर ही अनुदान दिया जाएगा।

अनुदान के लिए यह पात्रता है जरूरी
संयुक्त निदेशक कृषि रामनिवास पालिवाल ने बताया कि जिस किसान के पास स्वयं के नाम एक ही स्थान पर न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में भी 0.3 हैक्टेयर कृृषि योग्य भूमि होनी चाहिए तभी वह अनुदान के लिए पात्र होंगे। अनुदान के लिए कृृषक को जमाबंदी की नकल देनी होगी जो 6 माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। किसान खेत के जिस खसरे में फार्म पौण्ड बनाना चाहते है उसका राजस्व विभाग द्वारा जारी नक्शा भी जमा करवाना होगा।

इस प्रकार कर सकेंगे किसान आवेदन
फार्म पौण्ड योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑन-लाईन है। किसान योजना का लाभ लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार के माध्यम से अथवा ई-मित्र पर जाकर आवेदन कर सकते है। योजना का फायदा उठाने के लिए किसान को नवीन जमाबंदी, खेत का नक्शा, जन आधार कार्ड और आधार कार्ड होना आवश्यक है।

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